वो नयी शाम थी, वक्त था, जाम थी....
हम भी खोये हुए, वो तो नादान थी,
वो बगल से गुजर के वफ़ा कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
( वो हमारे पास आये, ना आये, कोई गम नहीं;
वो हमारे पास से गुजर जाएँ, ये एहसास भी कुछ कम नहीं)
नौजवान है जिगर, उसपे तेरी नजर...
कातिलाना बहुत, बच के जाये किधर,
हमको उसकी निगाहें, फ़ना कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
दिल में जज्बात है, वक्त भी साथ है,
उसके मै पास हूँ, वो मेरे पास है;
ख्वाब देखे जो मैंने वो पूरे करूँ,
इश्क-ए-इजहार हो बस यही आस है,
होठ चुप रह गए और जुबां भर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
( उसके पैमाने में कुछ और, मेरे पैमाने में कुछ और;
देखना साकी कहीं हो ना जाये, आज तेरे मयखाने में कुछ और)
मैंने चाहा उसे, है दिल-ओ-जान से...
खुश रखूँगा उसे पूरे ईमान से;
वो किसी और की बन दगा कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
हम भी खोये हुए, वो तो नादान थी,
वो बगल से गुजर के वफ़ा कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
( वो हमारे पास आये, ना आये, कोई गम नहीं;
वो हमारे पास से गुजर जाएँ, ये एहसास भी कुछ कम नहीं)
नौजवान है जिगर, उसपे तेरी नजर...
कातिलाना बहुत, बच के जाये किधर,
हमको उसकी निगाहें, फ़ना कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
दिल में जज्बात है, वक्त भी साथ है,
उसके मै पास हूँ, वो मेरे पास है;
ख्वाब देखे जो मैंने वो पूरे करूँ,
इश्क-ए-इजहार हो बस यही आस है,
होठ चुप रह गए और जुबां भर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!
( उसके पैमाने में कुछ और, मेरे पैमाने में कुछ और;
देखना साकी कहीं हो ना जाये, आज तेरे मयखाने में कुछ और)
मैंने चाहा उसे, है दिल-ओ-जान से...
खुश रखूँगा उसे पूरे ईमान से;
वो किसी और की बन दगा कर गयी..!!
वो नयी शाम थी वक्त था जाम थी!